कोसीक तांडव
कोसी जखैन अपन मुहँ खोलैत छथि तऽ , कम सँ कम पचास कोस ।
अपन पितामहिक मुहेँ चर्चा सुनल छल …
कहलैनि – हमर भाऽ पं०-गणेश्वर झा कहलैनि जे सौ वर्ष में कोसी अपन दिशा बदलैत छथि,किंतु कहियो मधुबनी जिलान्तर्गत कोठिया गाम स्थिति भैरव स्थान सँ पुवे ।
आय तक बाबा भैरव अपन प्रभाव सँ त्रिशुलक नोक पर, कोसीक वेग रोकि केँ राखल ।
ओना तऽ सब नदि मिथिलाक चरण पखारैत आगु बढैत छथि ,किंतु कोसी अपन उग्र स्वभावक कारण महादेवक कोप भाजन हुवै पड़लै नि ।
महादेवक अनुकम्पा देखु जे गणिमामयी मिथिलाक कोन तरहे रक्षा करैछ, जिनकर महिमा वृहद्विष्णु पुराणक मिथिला माहात्म खंड में आदिकाल सँ वर्णित अछि ,|
जेतय डेग-डेग पर अद्भुत आध्यात्मिक अवशेष विद्यमान अछि-|
- डेग-डेग पर नदी सरोवऱ,
- शिवालय में बंम -बंम सोर,
- उगना बनि शिव शंकर नाचथि,
- पुण्यभुमि मिथिला के कोर।
- —श्रीमती रूबी झा
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