गोदान के बाद सब स चर्चित हिंदी उपन्यास “मैला आँचल”क लेखक कोशिक क्षेत्रक साहित्य रत्न फणीश्वर नाथ रेणु…!!


फणीश्वर नाथ रेणुक जन्म 4 मार्च 1921 केँ औराडी हिंगन्ना, जिला पूर्णियां, बिहार अररिया जिलाक फॉरबिसगंज के निकट में भेल छल।
रेणु एकटा साधारण परिवार मे जन्म लेने चलाह कितुं ओहि समयक सामाजिक परिवेश में अपना के स्थापित करब सबसँ महत्वपर्ण विषय छल।
हिनक लेखन में जहिना ग्रामीण जीवनक जीवंत कथा अछि तहिना शब्द सँ आकृति बनेबाक अनुपम कला जेना. प्रेमचंद केर सृजन सामाजि सांमतवादि ,रुढ़िवादि समस्याक साक्षात दर्शन करबैत, तहिना रेणुक सृजण क्षेत्रीय महत्व तथा स्वभावक हजता सँ प्रविष्ट हौईत अछि ।
पशु पक्षीक माध्यम सँ परिवारिक एहन माधुर्य वर्णन कतहुने भेटत ।
हिनक रचल कविता सेहो तहिना पाठक के मंत्रमुग्ध करैत अछि।
प्रारंभिक शिक्षा फॉरबिसगंज तथा अररिया में पूरा केलाक बाद , मैट्रिक नेपाल के विराटनगर आदर्श विद्यालय से कोईराला परिवार में रहिकेँ पुरा केलैन्ह । ओकर बाद इन्टरमीडिएट काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सँ 1942 में कय़लन्हि ।एकर बाद ओ स्वतंत्रता संग्राम में कूदि पङलाह । परिणामस्वरुप 1950 में ओ नेपाली क्रांतिकारी आन्दोलन में हिस्सा लएलैनि ,जेकरे परिणामस्वरुप नेपाल में जनतंत्र स्थापित भेल ।
मैला आंचल हिनक विख्यात उपन्यास अछि ,जाहि लेल हिनका पद्श्री पुरस्कार सँ सम्मानित कैएल गेल। फणीश्वर नाथ रेणु एक टा उपन्यासकार के रुपमें बहुत लोकप्रिय छथि ।
एहि महान विभुतिक मृत्यु: 11 अप्रैल, 1977)भेल |
मैला आंचल ,परती परिकथा
जूलूस ,दीर्घतपा
कितने चौराहे
पलटू बाबू रोड
कथा-संग्रह
एक आदिम रात्रि की महक
ठुमरी
अग्निखोर
अच्छे आदमी
रिपोर्ताज
ऋणजल-धनजल
प्रसिद्ध कहानियाँ मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम)
एक आदिम रात्रि की महक
लाल पान की बेगम ,पंचलाइट ,तबे एकला चलो रे, ठेस पंचलाइट | हिनक लिखल कथा,पंचलाइट, 12th बोर्ड आर ठेस वर्त्तमान महाराष्ट्र बोर्ड 10th बोर्ड में पढ़ौल जाईत अछि।

रूबी झा

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